क्यूं की हमें गुलाम होना पसंद है पर मेरा देश आजाद था और आजाद है। क्यूं की हमें गुलाम होना पसंद है पर मेरा देश आजाद था और आजाद है।
जिस दिन मिलेगी दोनों को आन-बान-शान। जिस दिन मिलेगी दोनों को आन-बान-शान।
रही अडिग सत्य पथ पर तो निश्चय ही स्वयंसिद्धा कहलाओगी। रही अडिग सत्य पथ पर तो निश्चय ही स्वयंसिद्धा कहलाओगी।
समय मुट्ठी की रेत सा फिसलता जा रहा है , हर लम्हा यूँ ही गुजरता जा रहा है, समय मुट्ठी की रेत सा फिसलता जा रहा है , हर लम्हा यूँ ही गुजरता जा रहा है,
खुद से ही पूछती हूं, आखिर कौन सी दुनिया में रहती हो तुम ? खुद से ही पूछती हूं, आखिर कौन सी दुनिया में रहती हो तुम ?
हर हिंदुस्तानी की जुबाँ पे वन्दे मातरम ही नाम है ये। हर हिंदुस्तानी की जुबाँ पे वन्दे मातरम ही नाम है ये।